
आज रात चाँद कुछ ज्यादा ही रौशन है।
आसमान का अंधेरा उसकी सफेद चादर तले
छुपा हुआ है जैसे,
खुश्क मौसम है, हवा बिलकुल भी नहीं।
मगर दूर से एक हल्का हवा का झोंका निरंतर सांसें छोड़ रहा है।
उस झोंके की आहट सुन सकते हो क्या?
तकिये के बीच दबी हुई मेरी आहें भी कुछ ऐसे ही निस्तब्ध रूप से
आने वाली आन्धी का संकेत दे रही हैं।
shaandar😊