जिन्हे कल तक मेरी बातों से एतराज़ था
उन्हे आज मेरी ख़ामोशी से नाराज़गी है।
मैं आज़ाद हूँ, मेरी आवाज़ भी अब
किसी की मर्ज़ी का मोहताज नही।
© Vidya Venkat
जिन्हे कल तक मेरी बातों से एतराज़ था
उन्हे आज मेरी ख़ामोशी से नाराज़गी है।
मैं आज़ाद हूँ, मेरी आवाज़ भी अब
किसी की मर्ज़ी का मोहताज नही।
© Vidya Venkat