मिट गया हो जब आँखों से काजल,
अंधकार हो आसमान,
आसूओं से जब भरें हो बादल,
छिप गया हो चन्द्रमा,
रात को जब चिंता सताये,
हो ह्रदय में वेदना,
पूर्ण हो पाए ना निद्रा,
हो परेशान जब जहान,
उस समय में याद कर तू
सूर्य धुंधला पश्चिमा;
बीत जायेगी ये संध्या,
सूर्योदय है प्रभात।
Ⓒ Vidya Venkat (2022)