मेरी कविताओं को केवल कविताएँ मत समझो।ये इस बात का सबूत है कि साँसें चल रही हैं,रगों में खून दौड़ रहा है, और धड़कनेें बरकरार हैं ।मान लो लिख रही हूँ तो ज़िंन्दा हूँ ।अगर इस कलम का सहारा ना होतातो ना जाने क्या होता… © Vidya Venkat (2020)
Category Archives: Creative Writing
Acceptance
I wish I could be like these trees that display their naked branches, shorn of leaves, with pride and dignity, and a quiet conviction that things will not always remain this way… © Vidya Venkat (2021)
पोशीदा
रूठकर चाँद यूँ फलक में कहीं खो बैठा,जैसे नादान परिंदेछुपे रहते हैैं दरख्त शखों पर।जितना भी कर लो जतन अब इन्हे रिझाने में,पोशीदा रहना ही गुस्ताख चाँद की खूबी है। © Vidya Venkat (2021)
The Invasion
© Vidya Venkat (2021)
आधा चाँद
बचपन में रात को रेल की खिड़की की ओर बैठकर आसमान में आधा चाँद ताकना याद है मुझे. आश्चर्य होता था, चाहे कितनी ही गति से क्यों न रेल का चाक चल रहा हो, पटरियों को घिसते, चीखते, रात को आकुल करते हुए, मगर वो आधा सा चाँद वहीँ एक तस्वीर की तरह आसमान मेंContinue reading “आधा चाँद”