रूठकर चाँद यूँ फलक में कहीं खो बैठा,जैसे नादान परिंदेछुपे रहते हैैं दरख्त शखों पर।जितना भी कर लो जतन अब इन्हे रिझाने में,पोशीदा रहना ही गुस्ताख चाँद की खूबी है। © Vidya Venkat (2021)
Category Archives: poetry
The Invasion
© Vidya Venkat (2021)
आधा चाँद
बचपन में रात को रेल की खिड़की की ओर बैठकर आसमान में आधा चाँद ताकना याद है मुझे. आश्चर्य होता था, चाहे कितनी ही गति से क्यों न रेल का चाक चल रहा हो, पटरियों को घिसते, चीखते, रात को आकुल करते हुए, मगर वो आधा सा चाँद वहीँ एक तस्वीर की तरह आसमान मेंContinue reading “आधा चाँद”
आज फिर उस बात पे रोना आया (ghazal)
आज फिर उस बात पे रोना आया ग़म का अंधेरा फिर घनेरा छाया ज़िन्दगी इश्क़ की उम्मीद में गंवाई हमने हर कदम खुद को अफसोस अकेला पाया। आज फिर उस बात पे रोना आया। … हमसे मत पूछ कहानी दिल कीक्या पता फिर वो पल याद आयाकैसे भूलूँ मैं हकीकत है यहीबेवजह दिल ने मेरेContinue reading “आज फिर उस बात पे रोना आया (ghazal)”
बारिश
ये आसमान से उतर रही बारिश की बूंदेंपानी नही आग की लपटें हैं जैसे,भीग जाने दो मुझे, जल जाने दो मुझे।शायद जुदाई का दर्द बदनसीब परवानों सेबर्दाश्त नहीं होता, इसलिए उन में,लौ से बिछड़ने पर, जल के मर जाने काख़ौफ नहीं रहता।